Apr 23, 2009

Soonapan - Mann Ki


सूना सूना सा लगे ये दिन,
और ये रात्हें.
रास्ते ज़िन्दगी के,
लगने लगा है सूना.

पदों के हर एक डाली,
हैं सूना सूना सा,
न है कोई हवा का जोंखा,
जो गिराए पत्ते इन सूने रास्तों में.

इस सूनेपन का क्या है मतलब?
एक खामोशी सा चाई हुयी है हर जगह.
क्या यह मौत की खामोशी है?
या मेरे मनन की.

क्यों है सूनापन?
और घुटन भरी खामोशी.
घुट रही है दम,
इस अकेलेपन से?

आए कोई इस खालीपन में,
खिल्किलाठे और चेह्क्ठे हुए.
और खिले हर एक डाली,
फूलों और पथों से.

2 comments:

Nirmal Joy said...

malayalam, english and hindi.. ? never saw a person who write so well in 3 different languages..

Nandini Sijeesh said...

നന്ദി നിര്‍മല്‍