Apr 23, 2009

Kahan ho tum?


मेरे ख्वाबों में तुम,
मेरे नज़रों में तुम ,
मेरे दिल में तुम
तुम ही हो मेरे रोम रोम में.
कहाँ हो तुम?

यूँ नज़र चुराके न जाओ,
मुझे तनहा न चोडा करो,
तुम ही हैं मेरा दिन,
और तुम ही हैं रात.

मेरे ग़ज़लों में तुम,
मेरे लाब्सों में तुम,
मेरे चारो तरफ़ तुम हो,
ओः दीवाने, तुम ही हो मेरा दिलदार.

कहाँ हो तुम, मेरे साजन
यूँ न तड़पाओ मुझे.
चंदा की पालकी में आके ,
रहना तुम मेरे पास, न जाना छोडके.

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