Mar 25, 2009

Beethe Huye Pal

पल-पल तरसे उस पल के लिए,
पल आया भी तो कुछ पल के लिए...
सोचा था उसे ज़िन्दगी का एक हसीं पल बना लेंगे,
पर वोह पल रुखा भी तो कुछ पल के लिए..........


वोह पल ऐसा था की इंकार कर दिए,
दुनिया के डर से इकरार न कर पाये...
न थी ज़िन्दगी जिसके बिना मुमकिन,
उसने छोड़ दिया और हम कुछ न कर पाये.…..


मिला मौका दोबारा तो न कोयेंगे,
दिल की बातें न रोक पाएंगे,
लगाये दिल के पास उन्हें,
मोहबत की बातें कह जायेंगे…..


लगाये सीने में रख कर सर्र,
सुने दिल की वोह हर धड़कन,
न हो दूरी जिस्म जानो में,
एक हो सासें धड़कते दो बदन..…. "

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